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पावन करो नयन !


रश्मि, नभ-नील-पार,
सतत शत रूप धर,
विश्व-छवि में उतर,
लघु-कर करो चयन!


प्रतनु, शरदिंदु- वर,
पद्म-जल-विंदु पर,
स्वप्न-जागृति सुघर,
दुख-निशि करो शयन

_निराला

भावयति से गुजरने वाले दोस्तों को दिवाली की हार्दिक बधाई !

टिप्पणियाँ

  1. हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई
    जब सब हैं हम भाई-भाई
    तो फिर काहे करते हैं लड़ाई
    दीवाली है सबके लिए खुशिया लाई
    आओ सब मिलकर खाए मिठाई
    और भेद-भाव की मिटाए खाई

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  2. ज्योति पर्व के अवसर पर आप सभी को लोकसंघर्ष परिवार की तरफ हार्दिक शुभकामनाएं।

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