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अक्तूबर 31, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पावन करो नयन !

रश्मि, नभ-नील-पार, सतत शत रूप धर, विश्व-छवि में उतर, लघु-कर करो चयन! प्रतनु, शरदिंदु- वर, पद्म-जल-विंदु पर, स्वप्न-जागृति सुघर, दुख-निशि करो शयन _निराला भावयति से गुजरने वाले दोस्तों को दिवाली की हार्दिक बधाई !